एमपॉक्स (Mpox) - वायरस ने पूरी दुनिया में एक बार फिर से टेंशन बढ़ा दी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को ऐलान किया कि अफ्रीका में एमपॉक्स (Mpox) का बढ़ता दायरा एक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब मामले डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो से बाहर पड़ोसी देशों में भी फैल रहे हैं. इससे अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ रही है. एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता है. नजदीक रहने से से फैलता है. मंकीपॉक्स वायरस के लक्षणों में फ्लू जैसा दर्द और मवाद से भरे घाव शामिल हैं.
20 से ज्यादा देशों में फैल चुके मंकीपॉक्स को WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. भारत में भी इस संक्रमण की एंट्री हो चुकी है. 2022 के बाद यह दूसरी बीमारी है, जिसे आपातकाल बताया गया है. अफ्रीका में मंकीपॉक्स वायरस के तेजी से बढ़ने के कारण यह फैसला लिया गया है.
अफ्रीका में इस साल मंकीपॉक्स के करीब 30,000 केस आए हैं, जिनमें से 600 लोगों की मौत भी हो गई है. इन सबके बीच एक बार फिर से सोशल मीडिया और इंटरनेट पर मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर कई तरह की अफवाहें चल रही हैं. जिनसे बचने के लिए मंकीपॉक्स की सही जानकारी और इससे जुड़े मिथ को समझने की जरूरत है.
मंकीपॉक्स से जान चली जाती है
मंकीपॉक्स संक्रमण को लेकर कई अफवाहें हैं. इनमें से एक ये भी है कि एक बार इस संक्रमण की चपेट में आने के बाद बचना मुश्किल हो जाता है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स इससे इनकार करते हैं. यूएस सीडीसी के मुताबिक, मंकीपॉक्स से संक्रमित होने वाले 99% लोगों में ठीक होने और लंबे समय तक जिंदा रहने की संभावना रहती है.
मंकीपॉक्स सिर्फ गे और बाई सेक्सुअल को ही होता है
यह पूरी तरह गलत बात है. WHO एक्सपर्ट एंडी सील का कहना है कि सोशल मीडिया पर कई लोगों ने यह बताया कि मंकीपॉक्स सिर्फ गे की समस्या नहीं है. यह किसी को भी हो सकती है. अगर कोई दो व्यक्ति एक-दूसरे के नजदीक हैं या फिजिकल कॉन्टैक्ट बनाते हैं तो इसकी आशंका ज्यादा होती है. अगर कोई दो पुरुष बिना प्रोटेक्शन इंटरकोर्स करते हैं, तो उनमें इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा रहता है. यह संक्रमण हेट्रोसेक्सुअल में भी देखा गया है.
एक बार मंकीपॉक्स हो जाए तो इलाज नहीं होता है
मंकीपॉक्स वायरस एक सीमित समय के लिए ही प्रभावित कर सकता है. 2 से 4 हफ्ते में यह अपने आप ही ठीक हो जाता है. इस समय इसका इलाज करवाना जरूरीहोता है. इसलिए यह कहना कि यह लाइलाज बीमारी है, पूरी तरह गलत है.
जिंदगी में सिर्फ एक ही बार होता है मंकीपॉक्स?
विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमित होने या वैक्सीन लगवाने के बाद मंकीपॉक्स से दोबारा संक्रमित होने की आशंका नहीं होती है. यूनिवर्सिटी ऑफ साउथर्न कैलिफोर्निया के केक स्कूल ऑफ मेडिसिन में माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की प्रोफेसर पाउला कैनन का कहना है कि ज्यादातर वायरल बीमारियों में यही होता है.
वायरस जैसे खसरा, एपस्टीन धीरे-धीरे म्यूटेड होते हैं, एक मजबूत इम्यूनिटी बनाते हैं, जो संक्रमण के बाद लाइफटाइम बनी रहती है. इससे शरीर वायरस को पहचानना सीखता है और उनसे दोबारा से लड़ने के तरीके जान लेता है, जिससे शरीर में नहीं आने देता है.
मंकीपॉक्स
परिचय:
- मंकीपॉक्स एक दुर्लभ, वायरल जूनोटिक बीमारी है जिसमें चेचक के समान लक्षण प्रदर्शित होते हैं, हालाँकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।
- मंकीपॉक्स का संक्रमण पहली बार वर्ष 1958 में अनुसंधान के लिये रखे गए बंदरों की कॉलोनियों में चेचक जैसी बीमारी के दो प्रकोपों के बाद खोजा गया जिसे 'मंकीपॉक्स' नाम दिया गया।
लक्षण: Monkeypox Symptoms
- इससे संक्रमित लोगों में चिकन पॉक्स जैसे दिखने वाले दाने निकल आते हैं लेकिन मंकीपॉक्स के कारण होने वाला बुखार, अस्वस्थता और सिरदर्द आमतौर पर चिकन पॉक्स के संक्रमण की तुलना में अधिक गंभीर है।
- रोग के प्रारंभिक चरण में मंकीपॉक्स को चेचक से अलग किया जा सकता है क्योंकि इसमें लिम्फ ग्रंथि (Lymph Gland) बढ़ जाती है।
संचरण:
- मंकीपॉक्स वायरस ज़्यादातर जंगली जानवरों जैसे- कृन्तकों और प्राइमेट्स से लोगों के बीच फैलता है, लेकिन मानव-से-मानव संचरण भी होता है।
- संक्रमित जानवरों का अपर्याप्त पका हुआ मांस खाना भी एक जोखिम कारक होता है।
- मानव-से-मानव संचरण का कारण संक्रमित श्वसन पथ स्राव, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों से या रोगी या घाव से स्रावित तरल पदार्थ द्वारा तथा दूषित वस्तुओं के निकट संपर्क के कारण हो सकता है।
- इसका संचरण टीकाकरण या प्लेसेंटा (जन्मजात मंकीपॉक्स) के माध्यम से भी हो सकता है।
भेद्यता:
- यह तेज़ी से फैलता है और संक्रमित होने पर दस में से एक व्यक्ति की मौत का कारण बन सकता है।
उपचार और टीका:
- मंकीपॉक्स के संक्रमण को रोकने के लिये कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है।
- WHO द्वारा मंकीपॉक्स को लेकर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किये जाने के बाद यूरोपीय संघ ने मंकीपॉक्स के इलाज के लिये चेचक के टीके, इम्वेनेक्स की अनुशंसा की है।
एमपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है, जो चेचक वायरस से संबंधित है और वैसी ही, लेकिन आमतौर पर मामूली बीमारी का कारण बनता है।
- एमपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है, जो चेचक वायरस से संबंधित है।
- दाने सबसे प्रमुख लक्षण है।
- एमपॉक्स का निदान आमतौर पर त्वचा के घाव से एक नमूना लेकर और वायरस की आनुवंशिक सामग्री (डीएनए) के लिए परीक्षण करके किया जाता है।
- एमपॉक्स का इलाज ज़्यादातर लक्षणों से राहत देने के लिए निर्देशित होता है और इसके लिए एंटीवायरल दवाएँ सहायक हो सकती हैं।
2022 में, मंकीपॉक्स के मामले लगभग ऐसे 70 देशों में रिपोर्ट किए गए थे, जहां आमतौर पर मंकीपॉक्स संक्रमण नहीं होता है, जिसमें कई यूरोपीय देश और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। यह एक नई स्थिति है, क्योंकि एमपॉक्स का पिछला लगातार व्यक्ति-से-व्यक्ति में होने वाला संक्रमण मुख्य रूप से अफ़्रीका में हुआ था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2022 एमपॉक्स के प्रकोप को अंतर्राष्ट्रीय संकट का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया.
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